परम पूज्य प्रज्ञाश्रमण सारस्वताचार्य, सर्वोदयी राष्ट्रसंत १०८ आचार्य श्री देवनंदि जी गुरुदेव द्वारा संकल्पित इस णमोकार तीर्थ की रचना के लिये गुरुणां गुरु परमपूज्य गणाधिपति गणधराचार्य श्री कुंथुसागर जी महाराज की विशेष अनुकंपा, आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन प्राप्त है | साथ ही समस्त भारत के परम पूज्य आचार्य गण तथा मुनिसंघों का मंगल आशिर्वाद प्राप्त है | इस तीर्थ का निर्माण श्रध्दा शिक्षा तथा सेवारुपी तत्नत्रयी के माध्यम से विश्व की जैन-जैनेतर समाज के लिये एक अदभुत प्रेरणा स्तंभ तथा मंगलकारी होगा |
णमोकार तिर्थ
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जैन नॉलेज सिटी
जैन संस्कृति एवं सिध्दांत का एनीमेशन प्रकाश ध्वनि एवं संगीत के माध्यम से विश्व में प्रथम बार परिचय
आधुनिक वैज्ञानिक पध्दति से साकार होगा बोलता हुआ समवशरण
विश्व मंगल णमोकार मंत्र तथा जैन विद्या का अनुसंधान केंद्र